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मेरे पिता

मेरे पिता

ईश रूप साक्षात  पिता हैं,
बच्चों का अभिमान पिता हैं ।

कोई कुछ भी कहले  उनको,
बच्चों का धनधान्य पिता है ।

मेरा जीवन जिसने गढा है,
गढने वाला एक पिता है ।

आसमान सा छाया रहता,
बच्चो का अरमान पिता है।

चिंता हो या हो इच्छायें,
सबका समाधान पिता है ।

नारियल जैसा ऊपर दिखता,
भीतर तो रसदार पिता है ।

ब्रम्हा विष्णु  महेश एक ही,
तीनो का प्रतिरूप पिता है ।

डा आर बी पटेल अनजान 
छतरपुर

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5 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Gunjan Kamal

19-Jun-2023 07:20 AM

👏👌

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Punam verma

19-Jun-2023 12:18 AM

Very nice

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